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टीपीएसजी हेल्प कम्यूनिटी

टीपीएसजी हेल्प कम्यूनिटी 27 जुलाई 2023 में प्रारंभ की गई थी। जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आर्थिक उन्नति एवं सुरक्षा पर कार्य किया जावेगा जो कि आने वाली पीढ़ि के लिये आवश्यक है। इसके पश्चात आर्थिक उत्थान के लिये टीपीएसजी हेल्प कम्यूनिटी के नाम से अक्टूबर 2024 से वेबसाइट प्रारंभ की गई है, जिसका उद्देश्य आर्थिक, सामाजिक विकास किया जाना है। जिसमें कम्यूनिटी के अन्य सामाजिक सुरक्षा के उद्देश्य है, जिसकी प्रगति के लिये सभी साथी लोग प्रयासरत है।

टीपीएसजी का मतलब है टी से टैलेन्टेड पी से पियूपल्स एस से सेल्फ जी से ग्रो अर्थात टैलेन्ट पियूपल्स सेल्फ ग्रो इसका हिन्दी अर्थ है प्रतिभावान व्यक्ति का स्वयं विकास जिसको हम अंग्रेजी में टीपीएसजी कहते है।

साथियों समाज हम सब से मिलकर समाज बनता है। जब हम सबसे मिलकर परिवार बनता है तो परिवार की जिम्मेदारी मुखिया की होती है, वह रोजी रोटी कमाकर लाकर घर के सभी लोगो को भोजन की व्यवस्था करता है। परिवार की मुखिया महिला परिवार के लिये भोजन तैयार करती है और उनको भोजन खिलाती है। जब परिवार में कोई बीमार होता है तो परिवार उसकी मिलकर देखरेख करता है, उसे ठीक करता है, और सुख दुख मिलकर बांटकर रहते है। उसी प्रकार समाज भी उसी परिवार की तरह जीवन का एक हिस्सा है। जिस प्रकार परिवार में हम मिलकर रहते है तो वह परिवार जिंदा नजर आता है। उसी प्रकार समाज भी परिवार की तरह एक हिस्सा है, जिसमें हम मिलकर रहेगें तब वह जिंदा रहता है। अच्छा समाज एक एक अच्छी संस्कृति सिखाती है, और इस समाज में तो बुद्ध, कबीर, रविदास, ज्योतिबा फुले, गुरू नानक, संत नामदेव, तुकाराम, डॉ. भीमराव अम्बेडकर, काशीराम महापुरूष पैदा होते है, जिन्होंने एक अच्छा समाज बनाने का प्रयास किया है।

हम लोग वर्तमान में शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और आर्थिक उन्नति पर कार्य करते है तो अपने समाज के विकास के साथ देश की उन्नति भी कर सकेगें।

शिक्षा - वर्तमान में बच्चों की शिक्षा अंग्रेजी माध्यम में होना चाहिये। समाज में बहुत से लोग मजदूरी कर अपने बच्चो को शिक्षित करते है, उनके बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते। बहुत सी महिलाओ बर्तन, कपड़े धोने दूसरो के घर जाकर अपनी रोजी रोटी कमाती है, फिर अपने बच्चो को पढ़ाती है।

उनके बच्चो पर उनके मॉ.बाप ध्यान नहीं दे पाते है, फिर वे ठीक से स्कूल में नहीं पढ़ पाते, घर पर भी वे ठीक से नहीं पढ़ पाते। उनके लिये शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने का प्रयास है।

स्वास्थ्य - शरीर का स्वस्थ होना जरूरी है, जिसके लिये हम सब अपने अपने स्वास्थ्य के लिये जिम्मेदार होते है। बचपन में हमारा स्वास्थ्य बहुत अच्छा होता है, क्योंकि हमें किसी प्रकार का कोई शौक नहीं होता। जैसे जैसे हम बड़े होते है, हमें मोबाईल का शौक, तंबाकू.गुटके का शौक, दारू.नशे का शौक, जुए का शौक होता है। बहुत से समझदार लोग इससे दूरी रखते हुये अपना बचाव कर लेते है।

आजकल वर्तमान में मौसम परिवर्तन, फल.सब्जी में मिलावट, खाने का टाईम टेबल नहीं होना, चायनिज फुड, बर्गर, पिज्जा, एवं अन्य खाद्य सामग्री जो शरीर को नुकशान पहुचाती है हमारे डाईट में शामिल हो चुकी है, जिससे हम भविष्य में बिमार हो जाते है। और कभी कभी प्राकृतिक रूप से, कोई संयोग घटना.दुर्घटना से शरीर की हानि हो जाती है।

इस परिस्थिति में हम डाक्टर के पास जाते है वे बहुत अधिक फिस और दवाईया देते है जिससे हम अत्यधिक खर्चे में आ जाते है। गरीब शासकीय हास्पिटल में जाकर इलाज कराता है, वहां भी उसे इलाज मिला तो ठीक है नही तो वह और अधिक बीमार हो जाता है। इसलिये टीपीएसजी हेल्प कम्यूनिटी इस क्षेत्र में कार्य करने का प्रयास कर रही है।

सुरक्षा - वर्तमान में समाज की दशा बदल गई है, परिवार में जब बच्चे बड़े होने लगते है तो अक्सर वे बिगडने लगते है, मॉ.बाप जरूर उनका ध्यान रखते होगें लेकिन आजकल की पीढ़ि के बच्चे कब बिगड़ जाये बता नहीं सकते। हमारे समाज में लड़कियों पर भी अत्याचार होता है, कई परिवार इस बारे में चुप ही रहता है, इसलिये समाज की सुरक्षा के लिये उन बच्चों को कुम्फू, कराटे इत्यादि सिखाया जायेगा।

आर्थिक उन्नति - जब तक समाज में प्रत्येक परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं होती वह समाज एक कमजोर समाज माना जाता है। यदि जो व्यक्ति अपना आर्थक विकास के लिये व्यवसाय करना चाहते है, वे सदस्य जो संस्था से जुड़े है, आने वाले समय में उनके लिये रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास टीपीएसजी कर रही है, ताकि वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के साथ समाज में ऐसे लोग जिन्हें वाकई आवश्यकता है उनकी भी हेल्प करने का प्रयास किया जावेगा।

इन उद्देश्यो के अतिरिक्त कुछ और भी उद्देश्य है जिस पर संस्था कार्य कर रही है:

1. हरियाली को बढ़ावा

2. बच्चों की शिक्षा एवं सुरक्षा

3. पुरूषो के लिये आर्थिक रोजगार

4. छोटे रोजगारों के लिये ऋण उलब्धतता

5. महिलाओं को घरेलू कार्य

6. जनसंख्या वृद्धि नियंत्रण योजना पर कार्य

7. गरीबो के लिये भोजन की व्यवस्था

8. अनाथ व वृद्ध लोगो के लिये आश्रम

9. विधवा विवाह

10. गरीबो को रोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था

11. स्कूल कॉलेज की स्थापना

12. चिकित्सालय की स्थापना

13. व्यायामशालाए लाइब्रेरी की स्थापना

14. मानवीय सेवा का प्रचार प्रसार

15. सामाजिक विस्तार हेतु पत्र पत्रिका का प्रकाशन

16. पर्यावरण की सुरक्षा

17. प्रकृति की सुरक्षा